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    कौशल शिक्षा

    कौशल-आधारित शिक्षा सीखने का एक शक्तिशाली तरीका है जो सभी शिक्षार्थियों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता और प्रासंगिकता को बढ़ा सकता है। यह शिक्षार्थियों को उन कौशलों को हासिल करने में मदद कर सकता है जो उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए आवश्यक हैं। यह एक अधिक कुशल, उत्पादक, अभिनव और समावेशी समाज बनाने में भी मदद कर सकता है। आज, कुशल श्रमिकों की अधिक मांग है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि शिक्षाशास्त्र छात्रों के लिए कौशल विकास पर जोर दे जो उन्हें उनके भविष्य के करियर के लिए तैयार करता है। पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय क्र.2 बीएसएफ,इंदौर छात्रों को हर तरह से भविष्य के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है।यह छात्रों को स्वतंत्र विचारक बनने में मदद करता है और उन्हें अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। चूंकि भारत में स्कूल मुख्य रूप से अकादमिक-केंद्रित हैं, इसलिए पाठ्यक्रम के माध्यम से कौशल विकास की शुरुआत करना आवश्यक है। यह छात्रों को उनकी पाठ्यपुस्तकों के बाहर की चीजों को तलाशने और सीखने में मदद करता है। यह उन्हें कम उम्र में स्वतंत्र रूप से सोचने और चुनाव करने की स्वतंत्रता भी देता है। यह छात्रों में टीम भावना, रचनात्मकता, जिज्ञासा, विश्वसनीयता, मुखरता और सहानुभूति का निर्माण करता है। यह सब एक सफल शैक्षणिक और व्यावसायिक भविष्य के लिए एक ठोस आधार तैयार करता है।